लेखनी प्रतियोगिता -24-Mar-2024
"होली
आओं तुमकों रंग लगाए इस तरह होली के उत्सव में।
जैसे राधा के संग खेल रहे हो कृष्ण कुंज की गलियों में।।
सुध-बुध सब विसरा दिये हो मतवालों की टोली में।
खुशियों के रंग मिल कर बिखराए इस पीत-परागी होली में।।
सारे रंग मिल कर एक हो जाए रंग बिरंगी फाग की होली में।
भुला दे सब बैर भाव लिपट जाए बच्चों सी मस्त ठिठोली में।।
मधु गुप्ता "अपराजिता"
Gunjan Kamal
08-Apr-2024 11:11 PM
बहुत खूब
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Punam verma
25-Mar-2024 09:01 AM
Nice👍
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Abhinav ji
25-Mar-2024 08:22 AM
Nice👍
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